Tuesday, September 28, 2010

Kabhi.............

कभी हालातों से लड़ता हूँ मैं , कभी बातों से लड़ता हूँ मैं |
कभी अपने ही किये हुए वादों से लड़ता हूँ मैं |
ज़िन्दगी क हर मोर पे अपनी सांसों से लड़ता हूँ मैं |

कभी ख्यालों से लड़ता हूँ मैं, कभी जज्बातों से लड़ता हूँ मैं |
कभी तुम्हारी आँखों की गहराइयों से लड़ता हूँ मैं |
ज़िन्दगी के हर मोर पे अपनी दिल की तन्हाईयों से लड़ता हूँ मैं |

कभी रात के अधेरों से डरता हूँ मैं, कभी दिन के उजालों डरता हूँ मैं |
कभी कभी अपनी परछाइयों से डरता हूँ मैं |
ज़िन्दगी के हर मोर पे अपनी अच्छाइयों से डरता हूँ मैं |

----- ज्ञान प्रकाश |


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