कभी हालातों से लड़ता हूँ मैं , कभी बातों से लड़ता हूँ मैं |
कभी अपने ही किये हुए वादों से लड़ता हूँ मैं |
ज़िन्दगी क हर मोर पे अपनी सांसों से लड़ता हूँ मैं |
कभी ख्यालों से लड़ता हूँ मैं, कभी जज्बातों से लड़ता हूँ मैं |
कभी तुम्हारी आँखों की गहराइयों से लड़ता हूँ मैं |
ज़िन्दगी के हर मोर पे अपनी दिल की तन्हाईयों से लड़ता हूँ मैं |
कभी रात के अधेरों से डरता हूँ मैं, कभी दिन के उजालों डरता हूँ मैं |
कभी कभी अपनी परछाइयों से डरता हूँ मैं |
ज़िन्दगी के हर मोर पे अपनी अच्छाइयों से डरता हूँ मैं |
----- ज्ञान प्रकाश |
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