Saturday, February 18, 2012

शायर

आज तुम्हारी यादों में ही दिन काट दिया,
तुम्हारे इंतज़ार में अपने आप को ज़ला लिया ।

तुम्हे पता है की नहीं ये तो हमें नहीं पता,
आज पूरा दिन तुम्हारी तस्वीर के साथ गुजार दिया ।

आप तो आयें नहीं हमारे अंजुमन में ,
और हमने अपने ख्यालों में ही आशियाँ बना लिया ।

आप की एक छोटी सी मुलाकात ने बहुत परेशां किया आज हमें,
तो हमने उस मुलाकात को दिल में बसा लिया ।

कुछ तो मजबूरी होगी जो आज आप न आयें,
हमने यह कह के अपने दिल को मना लिया ।

हमारे दिल ने इतना मजबूर किया आज हमें,
बहुत दिनों बाद फिर से हमें शायर बना दिया ।

-- ज्ञान प्रकाश ।
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