Thursday, November 22, 2012

आँखों में आँसू अधूरे है तेरे बिना
दिल की धड़कन अधूरी है तेरे बिना
आज एक कतरा आंसू का हम रोक न सके
पर वो भी आँखों से गिर के अधुरा ही रह गया
दिल ही हर तन्हाई ने तुम्हे याद किया है 
हर पल खुदा से माँगा तुझे है
मेरी हर दुआ में बस तू ही शामिल है
तुम जो गयी हो रूठ के हमसे
यूँ लगता है ज़िन्दगी रूठ सी गयी है हमसे
दिल को तुम्हारी आस अभी भी है
मेरी हर साँस में प्यास अभी भी है
तुम्हारी  यादों में बैठा हूँ तन्हा
पर तुम्हारा साथ आज भी है ।


 

Saturday, February 18, 2012

शायर

आज तुम्हारी यादों में ही दिन काट दिया,
तुम्हारे इंतज़ार में अपने आप को ज़ला लिया ।

तुम्हे पता है की नहीं ये तो हमें नहीं पता,
आज पूरा दिन तुम्हारी तस्वीर के साथ गुजार दिया ।

आप तो आयें नहीं हमारे अंजुमन में ,
और हमने अपने ख्यालों में ही आशियाँ बना लिया ।

आप की एक छोटी सी मुलाकात ने बहुत परेशां किया आज हमें,
तो हमने उस मुलाकात को दिल में बसा लिया ।

कुछ तो मजबूरी होगी जो आज आप न आयें,
हमने यह कह के अपने दिल को मना लिया ।

हमारे दिल ने इतना मजबूर किया आज हमें,
बहुत दिनों बाद फिर से हमें शायर बना दिया ।

-- ज्ञान प्रकाश ।
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